$ 0 0 भारतीय गाँवों की उनके लोक व्यवहारों, संस्कारों और दिनचर्या की पूरी झाँकी ही रच डाली है इस गीत में पंडित नरेंद्र शर्मा जी ने। आज तो गाँवों में बहुत बदलाव आ गया है।