अद्भुत! गाँव के जीवन से जुड़े तमाम बिम्ब साकार हो ग...
अद्भुत! गाँव के जीवन से जुड़े तमाम बिम्ब साकार हो गये।
View Articleदोनों और आषाढी धरती बाट देखती बीज की !आई याद ब...
दोनों और आषाढी धरती बाट देखती बीज की !आई याद बहु की, जो पीहर गयी हुई है तीज की ! बहुत ही सुंदर किन पंक्तियों पर ना लिक्खूं
View Articleबहुत सुन्दर बिम्ब!! जीवंत!!उम्दा!! आनन्दित मन हु...
बहुत सुन्दर बिम्ब!! जीवंत!!उम्दा!! आनन्दित मन हुआ!!
View Articleवाह क्या क्या सुन्दर दृश्यों का सृजन किया हैं पं ज...
वाह क्या क्या सुन्दर दृश्यों का सृजन किया हैं पं जी ने, उनकी स्मृतियों को शत शत प्रणाम
View Articleपापा जी को नमन - उनकी रचना पर कहूँगी क्या, निःशब्द...
पापा जी को नमन - उनकी रचना पर कहूँगी क्या, निःशब्द हूँ
View Articleग्राम्य जीवन की खुशबु समेटे एक सुन्दर गीत -आभार!
ग्राम्य जीवन की खुशबु समेटे एक सुन्दर गीत -आभार!
View ArticleDr.Rama Dwivedi....लावण्या जी ,आपके पिता श्री द...
Dr.Rama Dwivedi....लावण्या जी ,आपके पिता श्री द्वारा सृजित रचना सच में अप्रतिम है । ग्राम जीवन के समग्र परिदृश्य का इतना जीवंत वर्णन सचमुच अद्भुत है । मेरे शब्द असमर्थ है किन शब्दों में प्रशंसा करूँ...
View Articleगांव का ऐसा छांदस चित्र और ग्रामीण जीवन के ऐसे टटक...
गांव का ऐसा छांदस चित्र और ग्रामीण जीवन के ऐसे टटके बिम्ब हिंदी कविता में विरल हैं . ये विगताभास के नहीं, जीवन-विश्वास के अमिट-चित्र हैं . हमारे मन को तरल करने वाले सहज-सरल शब्द-चित्र . आपका बहुत-बहुत...
View Articleप्रणाम और आभार लावण्या दी। अपने श्रद्धेय पिताजी क...
प्रणाम और आभार लावण्या दी। अपने श्रद्धेय पिताजी की इतनी सुंदर कवितापढ़ाने के लिए। कविता में ग्राम जीवन का इतना मनोहारी चित्रण दुर्लभ है।अफसोस कि अब न वैसे गांव रहे, न ही गांववाले। कलियुगी लालच ने...
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Beautiful..... Picture of IndiaPlease check this blog toohttp://swayheart.blogspot.in/
View Articleलावण्या जी,पंडित जी, आपके आदरणीय पिता की कलम तूल...
लावण्या जी,पंडित जी, आपके आदरणीय पिता की कलम तूलिका का यह चित्र प्रेमचंद के गोदान के होरी-धनिया, जायसी के बारहमासा, फणीश्वरनाथ रेणु के "मैला आँचल" के चौपाल पर हुए गीत की याद दिलाने के साथ-साथ जीवन-जगत...
View Articleपं नरेन्द्र शर्मा के गीतों में लोक-संवेदना की जो...
पं नरेन्द्र शर्मा के गीतों में लोक-संवेदना की जो छटा दिखाई देती है, वह अद्भुत है, इस वृहद भाव-गीत में भी किसान की जीवन-शैली, उसकी रोजमर्रा की दिनचर्या और कठिन जीवन की जो छवि कवि ने उकेरी है, वह उस...
View Articleभारतीय गाँवों की उनके लोक व्यवहारों, संस्कारों और ...
भारतीय गाँवों की उनके लोक व्यवहारों, संस्कारों और दिनचर्या की पूरी झाँकी ही रच डाली है इस गीत में पंडित नरेंद्र शर्मा जी ने। आज तो गाँवों में बहुत बदलाव आ गया है।
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